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अगर आपको किसी अपने ने धोका दिया है और आप फेसबुक, इंस्टाग्राम स्टोरी, या व्हाट्सप्प स्टेटस पर Dhoka Shayari लिखनी है तो इस पोस्ट मे शेयर की गई सभी शायरिया आपको पसंद आने वाली है, आइये इस धोके पर लिखी गई शायरी को पढ़े और अपने किसी खास धोकेबाज को भेजिए.
Matlabi Rishte Dhoka Shayari

जिसके साथ मेरा khushnuma कल और आज था,
दूसरों से pata चला कि वो यार dagabaaz था.

देखी यारों की yaari, और दुनिया की duniya daari,
सब apna अपना देख लेते हैं, waqt आने पे साथ छोड़ देते हैं.

काम बनते ही दोस्तों ने अपना rang दिखा दिया,
Musibat आने पर हर एक ने मुझे dhokha दिया.

Dhokhebazi करना आज आम बात हो गई,
सच्ची dosti भी अब dagabaz हो गई.

दोस्ती में भी dhokha खा जाते हैं लोग,
अब matlab के लिए दोस्ती nibhate हैं लोग.

दोस्ती के बीच जब matlab आता है,
तब dhokha देने का maqsad आ जाता है.

दौर निकल गया वो जब मिल लेते थे bematalab,
आते हैं दोस्त भी तब घर जब होता है matlab.

Zindagi की हर मोड़ पर dhokhebaz मिलें,
उनमें paraye कम apne ज्यादा मिलें.
धोखा शायरी 2 Line
Dhokhebaz तो हजारों मिलेंगे zindagi में,
इसका मतलब ये तो नहीं, की हम bharosa करना छोड़ दें.

हर खेल में हम baazi मार जाते हैं,
पर dhokhebazo से हम बाजी haar जाते हैं.

एक aaina ही है जिसने आज तक,
किसी insan को dhokha नहीं दिया.

वो masum चेहरा मेरे zehan से निकलता ही नहीं,
Dil को कैसे समझाऊ कि dhokhebaz था वो.
तुमसे प्यार तो ना मिला ये dhokha ही निशानी है,
बरसों guzar गए पर अधूरी हमारी kahaani है.
Dilo-jaan से चाहा था उसे,
लेकिन उसने मेरी majboori को, dhokhebazi का नाम दे दिया.
दीवानगी का sitam तो देखो कि dhokha मिलने,
के बाद भी chahte हैं हम उनको.!
Toota हो दिल तो dukh होता है,
करके mohabbat किसी से ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से mohabbat हो और, उसके दिल में कोई और होता है.
विश्वास पर धोखा शायरी
मैंने लोगों से mil-mil कर ही दुनिया daari देखी,
दुश्मनों की dosti और दोस्तों की makkari देखी.
मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की talash में हूँ,
Galti कर रहा हूँ लेकिन hosho-hawas में हूँ.
तुम dhokha करो तब भी dhokhebaz नहीं,
हम वफा करें तो भी gunahgar हैं,
ये खता तेरी नहीं जान मेरी, ये तो waqt-waqt की मार है.
Yaqin था कि तुम bhul जाओगे मुझे,
खुशी है कि तुम ummid पे खरे उतरे.
तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,
हम chaahte ही क्या थे तुमसे तुम्हारे sivaa.
अब तो हम तेरे लिए ajnabi हो गए,
Baato के सिलसिले भी कम हो गए,
Khushiyo से ज्यादा हमारे पास gham हो गया,
क्या पता यह वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए.
Rishto को वक्त और halat बदल देते हैं,
अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते हैं.
झूठ और धोखा शायरी
Dhoka देकर भी लोग pachtate हैं,
नहीं मिलता कोई तो aansu बहाते हैं.
Dhoka देने के हजार tarike हो मगर सबसे घटिया,
Mohabbat और hamdardi का dikhawa करना होता है.
Prem बहुत rahasyamayi होता है पता ही नहीं,
चलने देता कि मिल रहा है या bichhad रहा है.
यूँ न कहो कि kismat की बात है,
मेरी tanhaai में कुछ तुम्हारा भी हाथ है.
Barishe हो ही जाती है मेरे शहर में,
कभी badlo से तो कभी aankho से.
क्या बात है, बड़े chupchap से बैठे हो,
कोई बात dil पे लगी है, या दिल कहीं laga बैठे हो.
पल भर में dosti भी dushmani में बदल जाती है,
जब अपनी kismat दोस्तों से ज्यादा चमक जाती है.
कोई नहीं nibhata वफा ऐ rasm,
सब dhokha देते हैं खुदा की कसम.
वो aayine में खुद को कैसे bardasht करते होंगे,
उन्हें तो सख्त nafrat थी dhokhe bazo से.
Dil तोड़ने वाले से दिल जोड़ने की ummid न रखना,
Dost इसे लोगों से वफा की उम्मीद न रखना.
ये सांपों की basti है ज़रा देख के चल nadan,
यहाँ का हर shakhs बड़े प्यार से dasta है.
Last word :-
आपको ये सभी शायरी कैसी लगी उम्मीद है आपको इस लिस्ट मे दी गई लगभग सभी Dhoka Shayari पसंद आयी होंगी, आप हमें ये बताइये आपने अपने लिए कोनसी (धोका शायरी) पसंद की है आप उसे कमेंट बॉक्स मे बताइये ताकि आने वाले पोस्ट मे हम और भी अच्छी शायरिया लिख सके. आपका बहुत बहुत धन्यवाद!